महाकाल कॉरिडोर की तर्ज पर बनेगा देवनारायण कॉरिडोर:
28 जनवरी को भीलवाड़ा पहुंचेंगे PM मोदी; कर सकते हैं घोषणा
केन्द्र सरकार ने जिस तरह से वाराणसी, अयोध्या और उज्जैन में भव्य धार्मिक कॉरिडोर बनाए हैं, वैसा ही एक कॉरिडोर भगवान देवनारायण के नाम पर भीलवाड़ा के आसींद में उनके प्रकट स्थल मालासेरी डूंगरी में बनाया जाएगा।
इसके लिए केन्द्र सरकार का संस्कृति मंत्रालय तैयारियां कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जनवरी को भगवान देवनारायण के 1111वें प्रकटोत्सव पर यहां आ रहे हैं। वह अपनी सभा में इस कॉरिडोर की घोषणा कर सकते हैं।
आसींद में मालासेरी डूंगरी पर स्थित देवनारायण मंदिर ।
केन्द्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुनराम मेघवाल राजस्थान के बीकानेर से सांसद हैं। मोदी के कार्यक्रम की तैयारियां मेघवाल ही देख रहे हैं। मेघवाल और भाजपा के संगठन महामंत्री चंद्रशेखर 19 जनवरी को आसींद में एक मीटिंग भी करेंगे।
यह कॉरिडोर मालासेरी डूंगरी स्थित भगवान देवनारायण के मुख्य मंदिर को शामिल करते हुए बनेगा। इसके लिए आस-पास के क्षेत्र में एक म्यूजियम भी बनेगा, जहां भगवान देवनारायण की वन और क्षेत्र में मौजूद उनके ऐतिहासिक प्रमाणों को प्रदर्शित किया जाएगा। वहीं पर एक लाइट एंड साउंड शो साइट भी बनाई जाएगी जहां मंदिर और कॉरिडोर के विषय में शो चलेगा। इस स्थान पर साल में दो बार मेला भी भरता है।
आसींद का सवाई भोज मंदिर | झील के चारों तरफ वॉक वे बनेगा।
धार्मिक कॉरिडोर बनने के बाद पर्यटकों की आवाजाही और बढ़ेगी। ऐसे में वहां एक मेला स्थल भी बनाया जाएगा। वर्तमान मुख्य मंदिर जिस डूंगरी (पहाड़ी) पर स्थित है, उसके पास एक झील भी है, जिसे चारों तरफ से वॉक-वे के साथ भव्य सरोवर का रूप दिया जाएगा। ताकि यहां आने वाले पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण भी हो।
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एक कथा ऑडिटोरियम भी यहां बनेगा, जहां भगवान देवनारायण की कथा निरंतर चलती रहेगी। संस्कृति मंत्रालय की एक टीम वाराणसी और महाकाल कॉरिडोर का दौरा कर पर्यटन व वास्तुकला के विशेषज्ञों से बातचीत कर उनकी राय भी लेगी।
इधर, 19 जनवरी को होने वाली मीटिंग में केन्द्रीय संस्कृति मंत्री मेघवाल भीलवाड़ा, अजमेर, टोंक, सवाईमाधोपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़ जिलों के गुर्जर समाज के चुनिंदा धार्मिक-सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों से विस्तृत चर्चा करेंगे। इसके बाद दो और बैठकें भी आगे होंगी, जिनमें से एक बैठक में बूंदी, जयपुर, कोटा, भरतपुर, अलवर, दौसा, करौली, झालावाड़ आदि जिलों के गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों से भी बैठक होगी।
इसके बाद होने वाली दूसरी बैठक में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल क्षेत्र के गुर्जर समाज के धार्मिक-सामाजिक नेताओं से भी बातचीत की जाएगी।
आसींद (भीलवाड़ा) स्थित मालासेरी डूंगरी पर बना हुआ है। भगवान देवनारायण का मंदिर।
कार्यक्रम के समन्वयकों में से एक भाजपा के जिला अध्यक्ष एडवोकेट लादू लाल ने भास्कर को बताया कि केन्द्रीय संस्कृति मंत्री मेघवाल इस तरह के कॉरिडोर की तैयारियां कर रहे हैं, जो आसींद क्षेत्र में बनाया जाएगा। इसकी विस्तृत कार्ययोजना पीएम मोदी की सभा के बाद सामने आएगी। भीलवाड़ा संसदीय क्षेत्र से सांसद सुभाष बहेड़िया ने भास्कर को बताया कि कार्यक्रम की तैयारियां की जा रही हैं। वे भी जुटे हुए हैं।
विश्व स्तर का धार्मिक पर्यटन स्थल बनेगा आसींद
गत दिनों एक कार्यक्रम में आने पर पीएम मोदी का स्वागत करते केन्द्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुनराम मेघवाल । आसींद में 28 जनवरी को पीएम मोदी के आने के कार्यक्रम की तैयारियों को मेघवाल ही अंतिम रूप दे रहे हैं।
आसींद क्षेत्र में मालासेरी डूंगरी एक पठारी पवर्तीय स्थल है। इसके पास ही खारी नामक विहंगम नदी भी है। इस क्षेत्र में महाभारत की ही तरह भीषण युद्ध भी हुए थे, जिनका उल्लेख क्षेत्रीय लोक गीतों और गुर्जर समाज के साहित्य में उपलब्ध हैं। मान्यता है कि यहां कमल के फूल में भगवान देवनारायण प्रकट हुए थे।
भगवान देवनारायण मंदिर में कमलासीन भगवान की प्रतिमा |
वर्तमान में उसी मालासेरी डूंगरी पर उनका मंदिर है। चारों तरफ जो भूमि है, उस पर विश्व स्तर का धार्मिक पर्यटन स्थल बनाए जाने पर देश-विदेश से लोग यहां आएंगे तो रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। वाराणसी, अयोध्या और महाकाल कॉरिडोर ने दुनिया भर का ध्यान अपनी ओर खींचा है, वैसा ही संभवत: राजस्थान में हो सकेगा।
भाजपा की गुर्जरों को अपनी ओर मोड़ने की कोशिश
भाजपा के अभी राजस्थान में 25 में से 24 सांसद है, जिनमें से एक गुर्जर समुदाय से हैं सुखबीर सिंह जौनापुरिया। हाल ही वे भी केन्द्रीय मंत्री मेघवाल के साथ आसींद पहुंचे थे। विधानसभा में 200 सीटों में से एक भी विधायक गुर्जर समुदाय से नहीं है जो भाजपा के टिकट पर जीता हो। ऐसे में भाजपा आसींद में देवनारायण कॉरिडोर बनाकर गुर्जर समुदाय को अपनी तरफ मोड़ने की कोशिश में है। भगवान देवनारायण की सर्वाधिक मान्यता गर्जर
भीलवाड़ा का आसींद कस्बा ।
अगले चुनावों में मिल सकता है भाजपा को फायदा
इस कॉरिडोर के बनने से भाजपा के प्रति गुर्जर समुदाय का स्वाभाविक झुकाव हो सकता है। प्रदेश में राजस्थान की कुल 25 लोकसभा सीटों में से टोंक-सवाईमाधोपुर, करौली-धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अजमेर, भीलवाड़ा, झालावाड़-बारां, कोटा-बूंदी, जयपुर ग्रामीण, झुन्झुनूं, अलवर, चित्तौड़गढ़ जैसी 12 सीटों पर गुर्जर मतदाता संख्या के मामले में पहले, दूसरे, तीसरे या चौथे नम्बर पर आते हैं। इन सीटों पर वे चुनाव जिताने और हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इसी प्रकार 200 विधानसभा सीटों में से विराट नगर, जमवारामगढ़, कोटपूतली, देवली, मालपुरा, टोंक, सवाईमाधोपुर, खंडार, दौसा, सिकराय, भरतपुर, बयाना, हिंडौली, जहाजपुर, आसींद, मांडल, शाहपुरा, दूदू, अलवर, लक्ष्मणगढ़, टोडाभीम, लालसोट. बेगं. कोटा उत्तर. झालरापाटन. किशनगढ़.पुष्कर, नसीराबाद, मसूदा, केकड़ी, करौली, बूंदी, आसींद, भीम, खेतड़ी, नीमका थाना, केशोरायपाटन, बहरोड़, बानसूर, अलवर, नदबई, कामां, चाकसू, आदि विधानसभा की सीटों पर गुर्जर समुदाय का खास दबदबा है। ऐसे में भाजपा की कोशिश रहेगी कि वह इस कार्यक्रम के माध्यम से इस समुदाय को अपनी ओर आकर्षित कर सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में रोड शो के दौरान की तस्वीर (फाइल फोटो) पीएम मोदी स्वयं कर सकते हैं 28 जनवरी को भगवान देवनारायण कॉरिडोर की घोषणा ।
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