Reet Exam Full Information 2023

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Reet Exam 2023

REET 2023: कल से शुरू होगी रीट परीक्षा, चेक करें जरूरी दिशा-निर्देश

REET 2023 Guidelines : रीट परीक्षा की शुरुआत कल 25 फरवरी से होने जा रही है. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड 25, 26, 27, 28 फरवरी और 01 मार्च 2023 को थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित करवाएगा.

रीट परीक्षा 2023 के लिए एडमिट कार्ड (REET Mains Admit Card) rajeduboard.rajasthan.gov.in और recruitment.rajasthan.gov.in पर जारी किए गए हैं.

सभी उम्मीदवार ध्यान दें कि एडमिट कार्ड दिखाकर वे रोडवेज बस में मुफ्त सफर भी कर पाएंगे. नीचे एग्जाम से जुड़े जरूरी निर्देश दिए गए हैं.

Reet admit card

कितने बजे होगी रीट परीक्षा 2023?

रीट में परीक्षा 2023 दो शिफ्ट में होगी ( REET Mains 2023 Timing). सुबह की शिफ्ट का पेपर 9.30 बजे से शुरू होगा. इसके लिए 08.30 बजे परीक्षा केंद्र के गेट बंद कर दिए जाएंगे (REET Exam Center). वहीं, दोपहर की शिफ्ट का पेपर 03 बजे शुरू होगा और 2 बजे तक गेट बंद कर दिए जाएंगे. परीक्षार्थियों को सलाह दी जाती है कि समय का खास ख्याल रखें.

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Reet result.com
ड्रेस कोड है जरूरी

उम्मीदवार ध्यान रखें कि एग्जाम के दौरान तय ड्रेस कोड के साथ ही उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी. इसके साथ ही उम्मीदवारों को मास्क लगाकर ही सेंटर पर जाना होगा. अगर कोई उम्मीदवार ड्रेस कोड या कोविड नियमों का पालन नहीं करता तो उसे एग्जाम हॉल में एंट्री नहीं दी जाएगी.

इलेक्ट्रॉनिक गैजेट पूरी तरह से वर्जित

एग्जाम हॉल में किसी भी प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक गैजेट पूरी तरह से वर्जित है. उम्मीदवार केवल नीले रंग का बॉल पेन अपने साथ लेकर आएं. इसके साथ ही कैलकुलेटर, ब्लूटूथ, पेनड्राइव आदि गैजेट को साथ न लाएं. अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार वेबसाइट पर विजिट करें.

साथ में क्या ले जाएं, क्या नहीं

• परीक्षार्थी अपने साथ सिर्फ नीले रंग का पारदर्शी पेन ला सकते हैं.

• परीक्षा केंद्र पर ई एडमिट कार्ड, फोटो वाला वैलिड आईडी कार्ड और 2.5*2.5 सेमी साइज की नई रंगीन फोटो जरूर लेकर जाएं.

• अपने साथ मोबाइल फोन, ब्लूटूथ, नोटबुक, पेन ड्राइव, व्हाइटनर या अन्य किसी तरह का गैजेट या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लेकर न जाएं.

• कान की बाली, अंगूठी, ब्रेसलेट आदि एक्सेसरीज़ भी न पहनकर जाएं.

जानिए रीट रिजल्ट  (Reet Result)   date

10-06-2023

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निर्मल चौधरी और अरविंद जाजड़ा का पहला इंटरव्यू

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निर्मल बोले- अरविंद को पब्लिसिटी मिली, कोई जानता नहीं था: 
जाजड़ा ने कहा- प्लांड नहीं था थप्पड़, पढ़िए- कॉलेज ने क्यों कराई अधूरी FIR?




जयपुर के महारानी कॉलेज में राजस्थान यूनिवर्सिटी अध्यक्ष निर्मल चौधरी को थप्पड़ मारने का विवाद थमने के बजाय बढ़ता जा रहा है। महासचिव अरविंद जाजड़ा और निर्मल के समर्थकों के बीच अब भी तनाव है। दोनों एक-दूसरे को लेकर आरोप लगा रहे हैं।

भास्कर ने मामले की पड़ताल की कि महारानी कॉलेज में छात्रसंघ ऑफिस उद्घाटन कार्यक्रम में हुई मारपीट की असल वजह क्या थी?

सामने आया कि अध्यक्ष निर्मल और महासचिव जाड़ा में महीने भर से तनाव चल रहा था। दोनों के समर्थक रह-रह कर यूनिवर्सिटी में आमने-सामने भी हो रहे थे। उद्घाटन कार्यक्रम में पहली बार ये विवाद खुलकर सामने आ गया।

घटना में पुलिस की भी लापरवाही सामने आई हैं। पुलिस को पहले से पता था निर्मल और अरविंद के बीच तनाव है। इसके बावजूद मामले को हल्के में लिया गया।

यहां तक कि कॉलेज की ओर से दर्ज कराई गई FIR में न महासचिव अरविंद जाजड़ा का नाम है और न ही थप्पड़कांड का कोई जिक्र।

सिलसिलेवार पढ़िए- कैसे अध्यक्ष और महासचिव का विवाद थप्पड़ तक पहुंच गया...।




सबसे पहले थप्पड़कांड के बाद दोनों का पहला इंटरव्यू

महासचिव अरविंद जाजड़ा से बातचीत

लटेस्ट न्यूज़ : आपने पहले से निर्मल पर हमले की प्लानिंग कर रखी थी ?

अरविंद : मंच पर जो हुआ, वो एकदम से हुआ। कोई प्री-प्लानिंग नहीं थी। हालांकि अध्यक्ष निर्मल और उसके समर्थकों द्वारा लगातार उकसाया जा रहा था। मेरे समर्थकों से मारपीट भी की थी। कार्यालय पर तोड़फोड़ कर चोरी की। हमने पुलिस में शिकायत दी। अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

लटेस्ट न्यूज़ :   मंच पर थप्पड़ क्यों, किस घटना का जवाब    था ?


अरविंद : इन घटनाओं को लेकर जवाब देने की तो तैयारी थी, लेकिन ये सब उस दिन होगा, ये तय नहीं था। अगर ऐसा होता तो हिस्ट्रीशीटर और गुंडों की भीड़ के साथ आए अध्यक्ष को अकेले ही थोड़े थप्पड़ मार देता। प्लान होता तो मैं भी जाब्ते से रहता।


लटेस्ट न्यूज़ : तो फिर आपने हाथ क्यों उठाया?

अरविंद : दरअसल उस दिन अध्यक्ष उस प्रोग्राम में इनवाइट ही नहीं था। मैं भी अतिथि सम्मान कर मंच से नीचे आने वाला था । अध्यक्ष निर्मल वहां आ भी गया तो उसे मंच से अपने नाम पुकारे जाने का इन्तजार कर लेना था। भारी भीड़ और लड़कों को लेकर ऊपर चढ़ने का क्या मतलब था? काले कपड़े और काली स्याही किस मकसद से लाए थे ? मैंने उन्हें रोकना चाहा तो उसके साथ आए कुछ लड़कों गालियां दीं और बस अगले ही पल मैंने आपा खो दिया था। गाली नहीं सुन सकता था।




लटेस्ट न्यूज़ : हाल ही में महाराजा कॉलेज में कार्यक्रम में सचिन पायलट के आने पर आपको नहीं बुलाया गया, क्या उसको लेकर नाराजगी चल रही थी ?

अरविंद : ये सब कुछ बकवास है। वो कार्यक्रम छात्र शक्ति का था। मैं वहां इनवाइट था या नहीं, ये वहां के आयोजक के साथ मुझे और मेरे समर्थकों को मालूम है। विचारधारा परिवार का कार्यकर्ता हूं, ऐसे में वहां नहीं गया था। निर्मल को भी अपनी विचारधारा का ध्यान रखना चाहिए था और बिना बुलाए महारानी कॉलेज के कार्यक्रम में नहीं पहुंचना चाहिए था।

अब RU अध्यक्ष निर्मल चौधरी से बातचीत....

लटेस्ट न्यूज़ : मारपीट की घटना को लेकर आप क्या कदम उठा रहे हैं?

निर्मल : घटना को लेकर मैंने मामला दर्ज करवा दिया है। अब कानून अपना काम करे। जो भी इस घटना के लिए दोषी हो, उसे जल्द से जल्द सजा दी जाय। 


 लटेस्ट न्यूज़ : महासचिव अरविंद जाजड़ा ने भी आप पर कई आरोप लगाए हैं?

निर्मल : महासचिव के आरोपों पर मुझे कुछ नहीं बोलना है। अगर कुछ हुआ था तो पुलिस में शिकायत देते और कानून अपने आप दोषी को सजा देता।




लटेस्ट न्यूज़ : आप दोनों के बीच क्या विवाद है?

निर्मल : मुझसे जो बात करता है, मिलना चाहता है, उससे मिलता हूं। उन्हें बढ़िया लगे तो मुझे नमस्कार करो और नहीं लगता है तो मत करो। अगर कोई अपने ही रास्ते पर है तो मैं भी मेरे रास्ते पर अलग राह बना लेता हूं। छात्र हितों के लिए काम करने का जो मेरा मकसद है, उसे पूरा करने में लगा हूं। महासचिव और उनके समर्थकों को समझना चाहिए कि छोटी सोच रख के ऐसी घटना को अंजाम देने से कुछ नहीं होगा। आपको भी छात्र शक्ति ने अहम जिम्मेदारी दी है। इसलिए उनके दिए इस मजबूत मंच से छात्रों की उम्मीद और आशाओं को पूरी करते हुए छात्र हित में काम करें। गुंडा-बदमाश बनने से कुछ भला नहीं होगा।


लटेस्ट न्यूज़ : अब आप आगे क्या करेंगे?

निर्मल : अब मामले में ज्यादा बोलना और बात नहीं करना चाहता हूं। कानूनी कार्रवाई कर दी है, जो होगा, मंजूर होगा। समर्थकों से भी शांत रहने और उसे ज्यादा भाव नहीं देने को कहा है। छात्र हितों के लिए संघर्ष करते-करते ही यहां तक पहुंचा हूं और आगे भी संघर्ष जारी रहेगा।

23 जनवरी को महारानी कॉलेज में छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान मंच पर आए अध्यक्ष निर्मल चौधरी को महासचिव अरविंद जाजड़ा ने थप्पड़ मार दिया था।


थप्पड़कांड के जड़ में ये 2 विवाद

विवाद 1 : यूनिवर्सिटी में डिजिटल लाइब्रेरी का उद्घाटन

अलग-अलग विचारधारा का समर्थन करने वाले राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्र संघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी और महासचिव अरविन्द जाजड़ा दोनों नागौर के रहने वाले हैं। यूनिवर्सिटी में डिजिटल लाइब्रेरी शुरू कराने को लेकर दोनों ही अपने-अपने लेवल पर संघर्ष कर रहे थे। 16 नवंबर 2022 को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने CM अशोक गहलोत के हाथों इस डिजिटल लाइब्रेरी का उद्घाटन करवा दिया। इसके तुरंत बाद ही इस लाइब्रेरी को ताला लगा दिया गया।

जाजड़ा ने आरोप लगाए कि डिजिटल लाइब्रेरी में घोटाला किया गया है। अध्यक्ष निर्मल ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से मिलीभगत कर श्रेय लेने के चक्कर में जल्दबाजी में उद्घाटन करवा दिया है। लाइब्रेरी डिजिटल सुविधाओं से लैस ही नहीं है। इसके बाद उन्होंने लाइब्रेरी को जल्द खोलने और शुरू करने को लेकर विरोध-प्रदर्शन भी किए। ABVP के बैनर तले 15 दिसंबर को जाजड़ा ने यूनिवर्सिटी के दोनों गेट बंद कर लाइब्रेरी की छत पर चढ़कर विरोध जताया।

विवाद 2 : महासचिव जाजड़ा के कार्यालय में तोड़फोड़

27 दिसंबर 2022 को राजस्थान यूनिवर्सिटी कैंपस स्थित महासचिव जाजड़ा के कार्यालय में तोड़फोड़ की गई और लैपटॉप सहित कुछ सामान चोरी हो गए। इस दौरान वहां गोपाल कृष्ण नाम का कार्यालय कर्मी और आशुतोष शर्मा नाम का स्टूडेंट मौजूद था। गोपाल ने गांधीनगर थाना पुलिस को दी गई शिकायत में बताया था कि 15-16 लड़के अचानक आए और बाहर पड़े गमले उठाकर महासचिव कार्यालय के गेट के कांच तोड़े और अंदर घुस गए। वहां हमसे मारपीट करते हुए लैपटॉप और नकदी लेकर भाग गए। जाते-जाते धमकियां भी दीं। जाजड़ा ने आरोप लगाया था कि ये घटना निर्मल ने बाहरी गुंडों को लेकर अंजाम दिया है। फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है।

महासचिव जाजड़ा के कार्यालय में तोड़फोड़ के बाद कुछ ऐसा दृश्य था । जाजड़ा का आरोप था कि इस घटना को अध्यक्ष निर्मल ने बाहरी गुंडों की मदद से अंजाम दिया है।


भास्कर पड़ताल में सामने आए 2 चौंकाने वाले सच...

अरविंद जाजड़ा की पिटाई के नाम से वायरल हो                        रहे VIDEO का सच

भास्कर की पड़ताल में सामने आया कि महारानी कॉलेज में हुए बवाल के दौरान जैसे ही महासचिव जाजड़ा ने अध्यक्ष निर्मल चौधरी को थप्पड़ मारा और मंच से धक्का दिया तभी निर्मल के पीछे चल रहे उसके साथी जाजड़ा पर टूट पड़े। जाजड़ा के साथियों और केंद्रीय मंत्री शेखावत के सुरक्षाकर्मियों उसे बचा लिया और वो वहां से निकल गया। इस दौरान निर्मल के समर्थकों ने जाजड़ा के एक कार्यकर्ता को पकड़ लिया और पुलिस के सामने ही उसको पीट दिया। जिसकी पिटाई हुई, वो कार्यकर्ता भी नागौर का ही रहने वाला था। इसका वीडियो भी वायरल हुआ। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इसे अरविंद जाजड़ा की पिटाई का वीडियो बताते हुए शेयर किया है, जबकि वीडियो में मार खाता दिख रहा लड़का जायल तहसील के बोड़वा गांव का रहने वाला लोकेश गोदारा है।


FIR में न महासचिव का नाम, न थप्पड़ का जिक्र

महारानी कॉलेज में 23 जनवरी को हुए इस बवाल को लेकर महारानी कॉलेज के चीफ प्रॉक्टर डॉक्टर पूराराम ने अशोक नगर थाने में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। महारानी कॉलेज की प्रिंसिपल मुक्ता अग्रवाल की अनुमति से दर्ज कराई गई FIR में उन्होंने बताया कि कॉलेज के छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व अन्य विशिष्ट अतिथि मंचासीन थे और कार्यक्रम चल रहा था।

सभी भाषण पूरे हो गए थे और केंद्रीय मंत्री शेखावत वहां से जाने वाले ही थे कि निर्मल चौधरी मंच पर पहुंचे। उसी समय कुछ दूसरे छात्र भी मंच पर आ गए। वहां लड़ाई-झगड़ा शुरू हो गया। ऐसे में केंद्रीय मंत्री व अन्य अतिथियों को तुरंत प्रिंसिपल ऑफिस में सुरक्षित ले जाया गया। इस दौरान हुए बवाल में टेंट का काफी सामन तोड़ दिया गया। इस मामले में जाजड़ा का नाम ही नहीं है और न ही थप्पड़ का जिक्र है।


निर्मल ने अरविन्द और उसके साथियों पर कराया मुकदमा

मामले को लेकर निर्मल चौधरी ने जाजड़ा और उसके साथियों पर उनसे मारपीट का मामला दर्ज करवाया है। अशोक नगर SHO विक्रम सिंह ने बताया कि निर्मल चौधरी ने शिकायत दी है कि वह महारानी कॉलेज के छत्रसंघ कार्यालय उद्घाटन समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे। उन्हें आमंत्रित किया गया था। जैसे ही वह मंच पर पहुंचे तो वहां पर पहले से खड़े RU महासचिव अरविन्द जाजड़ा और उसके साथियों ने मारपीट शुरू कर दी। इस दौरान वहां केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व अन्य लोग भी मौजूद थे।

SHO विक्रम सिंह ने बताया कि इस मामले को लेकर दर्ज हुए मामलों की जांच की जा रही है। कई वीडियो भी सामने आ रहे हैं। उन्हें भी देखा जा रहा है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

पहले कार्ड में निर्मल चौधरी का नाम नहीं है। वहीं दूसरे कार्ड में निर्मल का नाम लिखा हुआ है।



इधर, ABVP इकाई अध्यक्ष बोले, निर्मल के साथ एक हिस्ट्रीशीटर भी था

मामले को लेकर ABVP की यूनिवर्सिटी इकाई अध्यक्ष भरत भूषण का कहना है कि महासचिव अरविंद और अध्यक्ष निर्मल के बीच 1 महीने से टकराव चल रहा था। निर्मल ने अरविंद के कार्यालय के कांच भी तोड़े थे। निर्मल के कार्यकर्ताओं ने जनता स्टोर पर छात्राओं के साथ बदतमीजी भी की और वो आए दिन टीचर्स के साथ गलत व्यवहार करता रहा है।

उन्होंने कहा कि महारानी कॉलेज में हुई घटना के दौरान अध्यक्ष निर्मल के साथ जो लोग मंच पर चढ़ रहे थे, उनमें से एक लाल कोठी क्षेत्र का बदमाश और हिस्ट्रीशीटर था। एक झालाना क्षेत्र का हिस्ट्रीशीटर था।


केंद्रीय मंत्री बालियान से मिले राजस्थान यूनिवर्सिटी

अध्यक्ष चौधरी

घटना के बाद निर्मल चौधरी ने 25 जनवरी को सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के साथ मुलाकात की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की।

उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि केंद्रीय मंत्री भारत सरकार एवं लोकसभा सांसद मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश डॉ. संजीव बालियान से आत्मीय मुलाकात हुई। आपने अपने छात्र राजनीति से संसद तक के सफर में किए संघर्ष के अनुभव साझा कर अपार स्नेह और प्यार दिया। साथ ही गांव, देहात, देश एवं प्रदेश के राजनीतिक व युवा हितों के मुद्दों पर चर्चा हुई। इस ट्वीट को केंद्रीय मंत्री बालियान ने भी रीट्वीट किया है। हालांकि निर्मल निर्दलीय ही यूनिवर्सिटी अध्यक्ष का चुनाव जीते थे, लेकिन थप्पड़कांड के बाद इस मुलाकात के कई तरह के मायने निकाले जा रहे हैं।


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राजस्थान बनाएगा बिजली वह भी पानी से

जाने आज की ताजा खबर :
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दिन में सूरज, रात को पानी से बिजली बनाएगा राजस्थान: 
        बांध में पंप से पानी चढ़ाकर कुदरती बहाव से बिजली बनाने वाले चंद राज्यों में होगा शुमार


राजस्थान में सूरज और हवा के अलावा अब पूरे साल पानी से भी बिजली बनाई जा सकेगी। दिन में जब बिजली सस्ती होती है, तब पानी को पंप से बांध के ऊपर बने वाटर स्टोरेज में स्टोर कर लिया जाएगा। रात को जब बिजली की दरें दिन के मुकाबले 3 से 4 गुना ज्यादा होती है, तब पानी को टरबाइन से गुजारकर वापस डैम में छोड़ दिया जाएगा। इस तकनीक से बिजली बनाने पर राजस्थान देश के चुनिंदा राज्यों में शामिल हो जाएगा। फिलहाल दक्षिण के कुछ राज्यों में इस PSH (पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

सोलर क्रांति के लिए करीब 100 कंपनियां बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर, जालोर में सोलर प्लांट लगाने के लिए जमीन तलाश रही हैं। वैसे ही हमारे डैम एरिया में भी कंपनियां हाइड्रोलिक प्लांट लगाने के लिए आएंगी। अब आप सोच रहे होंगे कि हाइड्रोलिक पावर प्लांट की बात राजस्थान में कैसे संभव है? क्योंकि हाइड्रोलिक पावर प्लांट उन नदियों के बांधों में सफल है, जहां पानी की आवक भरपूर रहती है, लेकिन राजस्थान में ऐसी नदियां और बांध नहीं है।

अभी राजस्थान में राणा प्रताप सागर डेम और माही बजाज सागर डेम पर हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स हैं, लेकिन मानसून में जब डेम ओवरफ्लो हो जाते हैं, तब ही इनसे बिजली बनाई जाती है। इस वजह से अभी नाम मात्र की 24 मेगावाट हाइड्रो एनर्जी जनरेट हो रही है।

इस रिपोर्ट में समझिए, भरपूर आवक न होने के राजस्थान में कैसे पानी से बिजली बनाई जाएगी...





रात में बिजली बनाने का ये फायदा होगा

दिन में सोलर पैनल से बनने वाली बिजली का इस्तेमाल कर पानी बांध के ऊपर बने वाटर स्टोरेज में चढ़ाया जाएगा। दिन के समय बिजली की कीमत 2.50 से 3 रुपए प्रति यूनिट होती है। इसके बाद पीक आवर्स में शाम 6 से रात 11 बजे तक जब बिजली की कीमतें 7-12 रुपए यूनिट होती हैं, तब वाटर स्टोरेज से पानी को वापस बांध में छोड़ा जाएगा और टरबाइन के जरिए बिजली बनेगी। पीक टाइम में बिजली को महंगी दरों पर बेचा जा सकेगा। लागत और बेचने के बीच का मुनाफा कम्पनियां कमाएंगी।


पानी से बिजली बनाने की जरूरत क्यों पड़ी

राजस्थान सालभर से कोयला संकट से जूझ रहा है। ऐसे में राजस्थान रिनुएबल एनर्जी कॉर्पोरेशन (RREC) ने दिन के अलावा रात के समय भी बिजली बनाने के उपाय पर काम करना शुरू किया।
RREC ने बीसलपुर, माही बजाज सागर, राणा प्रताप सागर जैसे बांधों के पानी से बिजली बनाने के लिए पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर (PSH) को लेकर स्टडी और सर्वे शुरू कर दिए हैं।

2030 तक सभी राज्यों को 43 प्रतिशत बिजली सप्लाई ग्रीन एनर्जी से करनी होगी। राजस्थान सरकार और RREC का मानना है कि सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और पंप स्टोरेज


प्लांट चौथाई कीमत में, बिजली उत्पादन खर्च भी आधा

सवाल है कि ग्रीन एनर्जी के तहत बिजली उत्पादन कर रही कंपनियों को PSH तकनीक क्यों लुभा रही है। इसके पीछे दो बड़े कारण हैं।

1.पहला : महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में PSH तकनीक के जरिए बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों की रिपोर्ट के अनुसार आमतौर पर बड़े बांधों पर हाईड्रोपावर प्लांट पर जितना खर्चा, उससे चौथाई कीमत तक में छोटे बांध पर ये तकनीक स्थापित की जा सकती है।

2.दूसरा : प्लांट स्थापित करने की बड़ी लागत और संचालन खर्च को देखें तो बड़े हाइड्रोलिक प्लांट की तुलना में PSH तकनीक से बिजली उत्पादन में आने वाला खर्चा भी आधे से कम है। बड़े हाइड्रोलिक प्लांट पर बिजली उत्पादन में 2.5 से 3.50 करोड़ रुपए प्रति मेगावाट के बीच खर्चा आता है। तुलनात्मक रूप से प्लांट स्थापित करने की लागत 25 फीसदी होने और संचालन खर्च कम होने के कारण बिजली उत्पादन में 1 से 1.50 करोड़ रुपए प्रति मेगावाट के बीच खर्चा आता है।

ये तकनीक बांध वाले जिलों टोंक, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़ का भाग्य बदलेगी और ये बिजली उत्पादक के रूप में जाने जाएंगे। फोटो बांसवाड़ा के माही बांध का है।



PSH तकनीक अपनाने वाला पहला राज्य बन सकता है राजस्थान

RREC के एमडी अनिल ढाका के अनुसार आ वाला समय PSH तकनीक के प्लांट्स और बैटरी स्टोरेज का होगा। पावर स्टोरेज का कॉन्सेप्ट है कि जब सोलर या विंड या हाइड्रो (पानी) से उत्पादन नहीं हो, तो उस समय भी बिजली बनाई जा सके। राजस्थान भी PSH की दिशा में आगे बढ़ रहा है, लेकिन जब तक प्लांट स्थापित नहीं हो जाता, तब तक यह कहना मुश्किल है कि राजस्थान ही ऐसा प्लांट लगाने वाला पहला राज्य होगा।


ग्रीन एनर्जी की मंडी बनेगा राजस्थान, यहां से होगी बड़ी-बड़ी खरीद

केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार 2030 तक सभी राज्यों को 43 प्रतिशत बिजली सप्लाई ग्रीन एनर्जी से करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर राज्यों पर भारी पेनाल्टी लगाने के भी प्रावधान होंगे। राजस्थान सरकार और RREC का मानना है कि राज्य पैनल्टी से बचने के लिए ग्रीन एनर्जी की मांग करेंगे, जो सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर (PSH) अधिकतर राजस्थान से पूरी हो सकती है।

अगर भारत 2023 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी प्रोडक्शन का टारगेट पूरा कर लेता है, तो प्रदूषण फैलाने वाले कोयला, गैस और परमाणु बिजली घरों को बंद किए बिना भारत अपनी दोगुनी बिजली की मांग को पूरा करने और उत्सर्जन को कम करने में कैपेबल हो जाएगा। अमेरिका के ग्लासगो में यूनाइटेड नेशन जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी के इस विजन को मान्यता दी गई है कि भारत ऐसा कर सकता है।


राजस्थान इन राज्यों के साथ मिलाएगा कंधा

राजस्थान में अब ऐसी संभावनाएं खोजी जा रही है, जहां बांधों में 12 महीने पानी रहता है, लेकिन बिजली नहीं बन पाती। राज्य सरकार का मानना है कि पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर (PSH) एक ऐसा उपाय है, जो राजस्थान में संभव है। 
आंध्र प्रदेश, कर्नाटक व महाराष्ट्र में इस उपाय पर काम शुरू हो चुका है, जो सफल है। इन दोनों राज्यों में स्थित चार-पांच बांधों पर PSH तकनीक से बिजली बनाई जा रही है। तेलंगाना, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में भी कम्पनियां पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर प्लांट लगाने की इच्छुक हैं। ये राज्य गंभीरता से इस तकनीक से बिजली बनाने के लिए गम्भीरता से विचार कर रहे हैं।

गुजरात की तर्ज पर राजस्थान के माही जैसे कुछ बड़े डैम पर फ्लोटिंग सोलर लगाए जाएंगे। इससे सौर उर्जा तो मिलेगी ही, दूसरा फायदा ये कि पानी का वाष्पीकरण भी रुकेगा।


दोहरे फायदे - गुजरात की तर्ज पर फ्लोटिंग सोलर भी जल्द

गुजरात की तर्ज पर राजस्थान के माही जैसे कुछ बड़े डैम पर फ्लोटिंग सोलर लगाए जाएंगे। इससे राजस्थान को दो तरह से फायदा होगा। इससे सौर ऊर्जा तो मिलेगी ही, दूसरा फायदा ये कि पानी का वाष्पीकरण भी रुकेगा।

विशेषज्ञों के अनुसार राजस्थान में तेज गर्मी पड़ने के कारण हर गर्मियों में डैम में एकत्रित कुल पानी का 20 फीसदी पानी हवा में भाप बनकर उड़ जाता है। जब डैम के पानी वाले एरिया के ऊपर सोलर पैनल लग जाएंगे तो ये 20 फीसदी पानी हवा में उड़ने से बचेगा। ऐसे में पानी की कमी से होने वाली परेशानी से भी थोड़ी निजात मिलेगी।




हाइड्रो पावर प्लांट और पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर (PSH) में अंतर
• भारत में कुल हाइड्रो पावर प्लांट की संख्या 197 है। ये प्लांट प्रदूषण रहित होते हैं।

• हाइड्रो पावर प्लांट को बनाने की लागत बहुत अधिक है और वक्त भी बहुत लगता है। ये प्लांट थर्मल सहित अन्य सभी तरह के पॉवर प्लांट के मुकाबले बहुत अधिक कोस्ट और समय खाते हैं।

• इस कारण पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर (PSH) के बनने में कम खर्चे और संचालन में भी कम खर्चा लगने के कारण इसे एक बड़े विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।

• हाइड्रो पावर प्लांट की पावर जेनरेशन की निर्भरता कुछ हद तक मौसम के आधार पर रहता है। अगर बहुत ज्यादा काम बारिश होता है। इसकी पावर जेनरेशन कैपेसिटी भी कम हो जाती है। लेकिन PSH भरे हुए बांधों पर काम करता है, बांध में पानी की आवक रुकने से भी उपलब्ध पानी के जरिए ही बिजली उत्पादन होता रहता है।

कौन है नंबर वन

• दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक के सरावती जिले में बना प्लांट भारत के पहले हाइड्रो पावर प्लांट्स में से हैं।

• बहुत सारी नदियों के कारण नार्वे अपने देश के 95% पावर की आपूर्ति हाइड्रो पावर प्लांट के द्वारा ही करता है।

• सबसे बड़े हाइड्रो पावर प्लांट की बात करें तो ब्राजील में विश्व का सबसे बड़ा हाइड्रो पावर प्लांट है, जिसकी टोटल क्षमता पावर उत्पादन करने के मामले में 12000 मेगावाट है।

पहले इटली फिर अमेरिका ने लगाया प्लांट
वर्ष 1890 में इटली ने सबसे पहले पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर (PSH) का उपयोग किया और इसके बाद वर्ष 1930 में अमेरिका ने ये तकनीक अपनाई ।


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राजस्थान का सामान्य परिचय : Rajasthan Ka Samanay Parichay

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1.राजस्थान में कौन सी विधान सभा है?

=राजस्थान में एक सदनीय विधायिका है। राजस्थान विधानसभा या विधानसभा जयपुर की राजधानी शहर में स्थित है।

2.लोकसभा का दूसरा नाम क्या है?

=संघ के विधानमंडल, जिसे संसद कहा जाता है, में राष्ट्रपति और दो सदन होते हैं, जिन्हें राज्यों की परिषद (राज्य सभा) और लोक सभा (लोकसभा) के रूप में जाना जाता है।

3.राजस्थान में कौन सी पार्टी है?

=राजस्थान की राजनीति में मुख्य रूप से दो दलों, भारतीय जनता पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वर्चस्व है।

4.राजस्थान में सबसे बड़ा गांव कौन सा है?

=फेफाना (भी Fefana) भारत में राजस्थान राज्य के हनुमानगढ़ जिले में एक गांव है। यह नोहर तहसील का सबसे बड़ा गांव है। यह राजस्थान का सबसे बड़ा गांव है।

5.विधानसभा के अध्यक्ष को क्या कहते हैं?

=विधानसभा अध्यक्ष विधानसभा एवं विधानसभा सचिवालय का प्रमुख, पीठासीन अधिकारी (अध्यक्ष) होता है, जिसे संविधान, प्रक्रिया, नियमों एवं स्थापित संसदीय परंपराओं के अन्तर्गत व्यापक अधिकार होते हैं। सभा के परिसर में उनका प्राधिकार सर्वोच्च है।

6.राजस्थान का पहला जिला कौन सा है?

=राजस्थान का सबसे पहला जिला कौन सा है? Ans: जैसलमेर जिला

7.राजस्थान का सबसे छोटा जिला कौन सा है ?

=राजस्थान का सबसे छोटा जिला धौलपुर है। राजस्थान का सबसे  छोटा जिला धोलपुर/ धौलपुर है। इसका क्षेत्रफल 3034 वर्ग किमी है

8.राजस्थान की सबसे बड़ी तहसील का नाम क्या है?

=राजस्थान की सबसे बड़ी तहसील भोपालगढ़ है।

9.राजस्थान के सबसे अमीर व्यक्ति कौन है?

=पद्मनाभ सिंह राजकुमार पद्मनाभ सिंह को जयपुर और राजस्थान का सबसे अमीर शख़्स कहा जाता है. उनके पास लगभग 20 हज़ार करोड़ रुपये की संपत्ति है.

10.राजस्थान का सबसे अमीर शहर कौन सा है?

=जयपुर को राजस्थान के सबसे अमीर शहरों में गिना जाता है. इसका कारण जयपुर राजस्थान की राजधानी होने के कारण यहाँ पर औद्योगिक विकास तेज़ी से हुआ है, जिसके कारण यह अमीर शहरो में गिना जाता है..

11.राजस्थान में सबसे सुंदर जिला कौन सा है?

=उदयपुर विश्व के सबसे खूबसूरत शहरों में तो उदयपुर शुमार है ही, अब ये विश्व के श्रेष्ठ शहरों में भी शुमार हो चुका है।

12.राजस्थान का फेमस जिला कौन सा है?

=जोधपुर अपने इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। इसे ब्लू सिटी और "सन सिटी" भी कहा जाता है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह राजस्थान का चौथा सबसे बड़ा जिला है। इस जिले का कुल क्षेत्रफल 22,850 वर्ग किमी है।

13.राजस्थान का राजकीय पशु कौन सा है?

=राजस्थान सरकार ने रेगिस्तान के जहाज कहे जाने वाले ऊंट को
 राज्य पशु घोषित कर दिया। राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार चिंकारा के साथ-साथ अब ऊंट भी राज्य पशु बन गया  है।

14.राजस्थान का राज्य पक्षी कौन सा है?

=ग्रेट इंडियन बस्टर्ड राजस्थान का राज्य पक्षी है। यह एक क्षैतिज शरीर और लंबे नंगे पैरों वाला एक बड़ा पक्षी है। शुतुरमुर्ग जैसा दिखने वाला यह पक्षी उड़ने वाले पक्षियों में सबसे भारी है।

15.राजस्थान में कुल कितनी सीटें हैं?

=इसमें 160 सदस्य थे। वर्तमान में राजस्थान विधानसभा के अंदर 200 सीटें हैं1 5वी विधान सभा के अध्यक्ष सी. पी. जोशी है। 15वी विधानसभा में कांग्रेस पार्टी ने युवा नेता प्रदेसाध्यक्ष सचिन पायलट ओर अनुभवी नेता अशोक गहलोत के नेतृत्व में चुनाव जीता और अशोक गहलोत ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली ।

16.राजस्थान में सर्वप्रथम चुनाव कब हुए?

=राजस्थान में चुनाव १९५२ से आरम्भ हुये। उन चुनावों में राजस्थान से लोकसभा और विधानसभा के लिए सदस्यों का चुनाव हुआ। राजस्थान में कुल २५ लोकसभा और २०० विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र हैं।

17.जयपुर जिले में कितनी विधानसभा सीटें हैं?

=जयपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं।

18.राजस्थान की प्रथम महिला कौन थी?

=ध्यातव्य श्रीमती शारदा भार्गव राजस्थान के महान स्वतंत्रता सेनानी और अजमेर मेवाडा सेन की प्रथम संविधान सभा सदस्य मुकुट बिहारी लाल भार्गव की पुत्री थी। जयपुर राज घराने की महारानी गायत्री देवी वह पहली महिला थी जो राजस्थान से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुई थी ।


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जाने 74वां गणतंत्र दिवस की जानकारी Live

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74वां गणतंत्र दिवस: मेड इन इंडिया तोपों से दी जाएगी सलामी, नजर आएंगे गरुड़ कमांडो ... परेड में 7 चीजें
पहली बार

आज 74वां गणतंत्र दिवस है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु कर्तव्य पथ पर तिरंगा फहराएंगी। इसके साथ ही सुबह 10:30 बजे से गणतंत्र दिवस की परेड और झांकियों का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस बार का गणतंत्र दिवस खास है क्योंकि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। मेरी कामना है कि हम देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करने के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ें।

इजिप्ट, यानी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सिसी कार्यक्रम के चीफ गेस्ट हैं। परेड में राज्यों, विभागों और आर्म्ड फोर्सेस की कुल 27 झांकियां निकाली जाएंगी। इनमें 23 कल्चरल होंगी। इस सबके दौरान 7 बातें ऐसी हैं, जो पहली बार हो रही हैं।

गणतंत्र दिवस पर 7 चीजें पहली बार...

1. अंग्रेजों की बनाई तोपों की जगह भारतीय तोपें देंगी सलामी

गणतंत्र दिवस में राष्ट्रगान के दौरान 21 तोपों की सलामी दिए जाने की परंपरा है। अब तक ये सलामी ब्रिटेन में बनी 25 पाउंडर तोपों से दी जाती थी, जो द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भी इस्तेमाल की गई थीं। अब इनकी जगह भारत में बनी 105MM इंडियन फील्ड गन से सलामी दी जाएगी। ये तोपें जबलपुर और कानपुर की गन फैक्ट्री में बनाई गई थीं।

इन्हें 1972 में डिजाइन किया गया था और ये 1984 से सर्विस दे रही हैं। दिल्ली एरिया के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल भवनीश कुमार ने कहा कि 105MM देश में बनी तोपें हैं इसलिए हम इनसे सलामी देना चाहते हैं। यह हमारे लिए गर्व का विषय है और हम इसीलिए स्वदेशी तोप का इस्तेमाल करेंगे।

इस साल से राष्ट्रगान के दौरान 21 तोपों की सलामी इंडियन फील्ड गन्स से दी जाएगी।




2. BSF की ऊंट टुकड़ी में पहली बार महिला अफसर


गणतंत्र दिवस पर पहली बार बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की ऊंटों की टुकड़ी में महिला अफसरों को शामिल किया गया है। सरफेस टु एयर मिसाइल सिस्टम आकाश टुकड़ी का नेतृत्व लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा करेंगीं। इनमें आर्मी के 3 और एयरफोर्स और वी की एक-एक मेंबर्स शामिल होंगे।

लेफ्टिनेंट चेतना ने कहा कि उनका सपना पूरा हो गया। चेतना आर्मी एयर डिफेंस यूनिट में पोस्टेड हैं। चेतना के अलावा लेफ्टिनेंट डिंपल भाटी आर्मी की डेयरडेविल्स मोटरसाइकिल टीम का हिस्सा होंगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए वो पिछले एक साल से ट्रेनिंग कर रही हैं।

कर्तव्य पथ पर परेड की रिहर्सल के दौरान BSF की कैमल कॉन्टिजेंट |



3. इंडियन एयरफोर्स के गरुड़ कमांडो, एयर फील्ड ऑपरेशन में एक्सपर्ट

इंडियन एयरफोर्स (IAF) की स्पेशल गरुड़ कमांडो फोर्स भी परेड में नजर आएगी। 2004 में बनी इस स्पेशल फोर्स की ट्रेनिंग सबसे ज्यादा 72 हफ्तों तक चलती है। अभी इस फोर्स में 1780 कमांडो हैं। ये एंटी टेरर ऑपरेशन और एयर फील्ड डिफेंस में एक्सपर्ट होते हैं।
ये सभी तरह के आधुनिक हथियार चलाने में माहिर होते हैं। 2 जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर आतंकवादी हमले के दौरान मोर्चा गरुड़ कमांडोज ने ही संभाला था। इस हमले में 2 सैनिक शहीद हुए थे।
एयरफोर्स के गरुड़ कमांडोज की ट्रेनिंग का ये फोटो इंटरनेट से लिया गया है। एयर और फील्ड ऑपरेशन में इन्हें महारत हासिल होती है।



4. फ्लाई पास्ट में पहली और आखिरी बार दिखेगा विंग्ड स्टैलियन
फ्लाई पास्ट में 44 एयरक्राफ्ट हिस्सा लेंगे। इनमें 9 राफेल भी रहेंगे। इनके अलावा C-17, C-130, सुखोई-30 भी फ्लाई पास्ट में शामिल होंगे। ये नेत्र, बजरंग, वर्टिकल चार्ली, ध्वज, रुद्र, बाज, प्रचंड, तिरंगा, तंगैल, गरुड़, अमृत और त्रिशूल फॉरमेशन में उड़ान भरेंगे।

खास बात ये है कि नेवी का इल्यूसिन IL-38 पहली और आखिरी बार परेड में शामिल होगा। निगरानी और एंटी सबमरीन एयरक्राफ्ट 1977 में नेवी में शामिल किया गया था। 42 साल की सेवा के बाद इस साल के आखिर में इसे हटा दिया जाएगा। इसे विंग्ड स्टैलियन भी कहा जाता है।



5. सिर्फ स्वदेशी हथियारों का डिस्प्ले, अग्निवीर भी परेड में शामिल होंगे
परेड में सिर्फ मेड इन इंडिया यानी स्वदेशी हथियारों का डिस्प्ले होगा। यहां तक कि एम्युनिशन भी स्वदेशी होंगे। दिल्ली एरिया के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल भवनीश कुमार ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत के तहत सेना कई स्वदेशी इक्विपमेंट्स का प्रदर्शन करेगी।
इस परेड में K-9 वज्र हॉविट्जर्स, MBT अर्जुन, नाग एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, आकाश एयर डिफेंस मिसाइल और क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल्स शामिल होंगे। मेजर जनरल भवनीश कुमार ने कहा कि हम स्वदेशी की तरफ मुड़ रहे हैं। वो वक्त दूर नहीं जब हमारे सभी उपकरण स्वदेशी होंगे।

गणतंत्र दिवस परेड के दौरान सरफेस टु एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम आकाश को भी दिखाया जाएगा।



6. पहली बार नारकोटिक्स ब्यूरो की झांकी, दिखेंगे कैनाइन मेंबर्स लिंबू और जैली

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की झांकी पहली बार परेड में दिखाई देगी। नो ड्रग्स इसका मैसेज होगा। इस झांकी में NCB मेंबर्स के अलावा उनके डॉग स्क्वॉड के भी 2 मेंबर्स मौजूद रहेंगे। कैनाइन स्क्वॉड के इन डॉग्स का नाम लिंबू और जैली है। ये कई ऑपरेशन में नशे की खेप पकड़वाने में रोल निभा चुके हैं।

झांकी पर नशा मुक्त भारत का संदेश लिखा होगा। साथ ही इसके मेंबर्स भारत के विविध परिधानों के साथ दिखाई देंगे। इसके जरिए वह यह संदेश देंगे कि साथ मिलकर हम नशा मुक्त भारत का सपना पूरा कर सकते हैं।

फुल ड्रेस रिहर्सल के दौरान नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की झांकी। डॉग स्क्वॉड का मेंबर भी नजर आ रहा है।


7. देश का सबसे बड़ा ड्रोन शो बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी में

300 साल से चली आ रही बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी 29 जनवरी को होनी है। इस बार इस सेरेमनी में देश का सबसे बड़ा ड्रोन शो होगा। इसमें 3200 ड्रोन शामिल होंगे और शाम के वक्त रायसीना हिल्स पर उड़ान भरेंगे। ये देश की अहम घटनाओं को पेश करेंगे। ड्रोन शो 10 मिनट तक चलेगा।

2022 में 1 हजार ड्रोन ने बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी में हिस्सा लिया था। बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी 17वीं सदी में ब्रिटेन से शुरू हुई थी। भारत में यह 1952 में आई थी।

कर्तव्य पथ पर मंगलवार को फुल ड्रेस रिहर्सल के दौरान आर्मी के टैंकों के प्रदर्शन का एरियल व्यू।



इजिप्ट के राष्ट्रपति अल सीसी मुख्य अतिथि, मोदी से मिलती हैं उपलब्धियां
इस साल कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देह फतेह अल सीसी होंगे। मिस्र की 120 सदस्यों वाली सैन्य टुकड़ी भी परेड में शिरकत करेगी अल सीसी की उपलब्धियां PM मोदी से मिलती-जुलती हैं।

मोदी की तरह अल सीसी भी 2014 में प्रधानमंत्री बने थे। दूसरी बार चुनाव हुआ तो पूर्ण बहुमत के साथ दोबारा सत्ता हासिल की। अल सीसी सेना से जनरल पद से रिटायर हुए थे।
इजिप्ट के राष्ट्रपति अब्देह फतेह अल सीसी की ये तस्वीर मंगलवार की है, जब वे भारत पहुंचे।



PM मोदी ने पिछली बार पहना था लेंग्यान गमछा, उत्तराखंड की टोपी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परेड से पहले वॉर मेमोरियल पर जाएंगे। परेड में मोदी उन बच्चों से मुलाकात करेंगे, जिन्हें 27 जनवरी को दिल्ली के तालकटोरा इनडोर स्टेडियम में होने वाले परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के लिए दिल्ली बुलाया गया है। देशभर से 200 छात्र और शिक्षक इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली बार गणतंत्र दिवस पर कुर्ता-पायजामा पहना था। उनके गले में मणिपुर का पारंपरिक लेंग्यान गमछा था। उन्होंने उत्तराखंड की टोपी पहनी थी, जिस पर ब्रह्मकमल बना था। पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी ऐसी ही टोपी पहनते थे।

2022 में गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |



65 हजार दर्शकों के आने की उम्मीद, दिल्ली मेट्रो फ्री सर्विस देगी
सरकार के सूत्रों ने बताया कि इस साल गणतंत्र दिवस परेड में 60-65 हजार दर्शकों के आने की उम्मीद है। टिकट पर क्यूआर कोड स्कैनिंग के बाद ही एंट्री दी जाएगी। 30 हजार दर्शक मेट्रो से यात्रा करेंगे। इन्हें मेट्रो फ्री सर्विस देगी। नया संसद भवन, कर्तव्य पथ, सेंट्रल विस्टा के निर्माण में शामिल मजदूरों को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विशेष निमंत्रण भेजा गया है।

इनके अलावा रिक्शा चालकों और सब्जीवालों को भी बुलाया गया है। इन्हें पहली कतार में जगह दी जाएगी। इस साल मेहमानों और दर्शकों को निमंत्रण पत्र की जगह ई- निमंत्रण भेजा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले साल करीब 10 हजार दर्शक थे और 2021 में संख्या 25 हजार थी। प्री- कोविड के दौरान एक लाख दर्शकों को परेड देखने की इजाजत दी जाती थी।
दिल्ली में मंगलवार को फुल ड्रेस रिहर्सल के दौरान फ्लाई पास्ट देखते दर्शक |



23 कल्चरल झांकियां, 503 डांसर्स और पारंपरिक मार्शल आर्टिस्ट करेंगे परफॉर्म
23 कल्चरल झांकियां निकाली जाएंगी। इस दौरान वंदे भारत डांस कॉम्पिटिशन के जरिए चुने गए 503 डांसर्स परेड के दौरान परफॉर्म करेंगे। यूपी, जम्मू-कश्मीर के अलावा गुजरात की झांकी पर नजर रहेगी। गुजरात की झांकी में देश के पहले सौर ऊर्जा संचालित मोढेरा गांव की झलक दिखाई पड़ेगी। इसकी अगुआई PM मोदी के भाई पंकज मोदी करेंगे। वे गुजरात सरकार में वरिष्ठ सूचना अधिकारी हैं। परेड के दौरान हॉर्स शो और देश की पारंपरिक मार्शल आर्टस कलाओं का भी प्रदर्शन किया जाएगा।

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 24 जनवरी को ट्रेडिशनल मार्शल आर्ट कलारीपयट्टू का प्रदर्शन करते मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप के मेंबर्स ।



परेड में दिखेंगे वीरता पुरस्कार जीतने वाले रोहन रामचंद्र बहीर
देश के 11 बच्चों को इस साल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार दिया गया है। ये सभी गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा होंगे। इनमें महाराष्ट्र के रोहन रामचंद्र बहीर भी होंगे, जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए एक महिला को डूबने से बचाया था।

उनके अलावा आर्ट एंड कल्चर में केरल के आदित्य, तेलंगाना की गौरवी, ओडिशा के संभव मिश्रा और असम की श्रेया भट्टाचार्जी, इनोवेशन में कर्नाटक के ऋषि शिव प्रसन्ना और छत्तीसगढ़ के आदित्य प्रताप, सोशल सर्विस में दिल्ली की अनुष्का जॉली, खेल में जम्मू-कश्मीर की हनाया, गुजरात के शौर्यजीत जितकुमार और आंध्र की कोलागाटला मीनाक्षी ने भी अवॉर्ड जीते हैं। ये भी परेड में शामिल होंगे।

दिल्ली में मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी से वीरता पुरस्कार ग्रहण करते रोहन रामचंद्र ।



गणतंत्र दिवस पर 6 हजार सुरक्षाकर्मी, 24 हेल्प डेस्क

6 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे। दर्शकों के लिए 24 हेल्प डेस्क बनाई गई हैं। भीड़ भाड़ वाली जगहों पर बॉम्ब और डॉग स्क्वॉड तैनात रहेंगे। ऊंची इमारतों पर सुरक्षा बल तैनात रहेंगे। ये किसी भी खतरे से निपटने में सक्षम होंगे। पैराग्लाइडर्स, पैरा मोटर्स, ड्रोन, हैंड ग्लाइडर्स, हॉट एयर बैलून, छोटे एयरक्राफ्ट की उड़ान पर 15 फरवरी तक पाबंदी लगा दी गई है।

यह 2 तस्वीरें, जो दिखाती हैं गणतंत्र के महोत्सव का उत्साह

तस्वीर अमृतसर की है। यहां गणतंत्र दिवस की तैयारियों के दौरान एक महिला पुलिस कॉन्स्टेबल का उत्साह ऐसा नजर आया ।


पंजाब के जालंधर में मंगलवार को गणतंत्र की तैयारियों के दौरान मूंछों को ताव देता RAF जवान ।




परेड से जुड़े 3 और पॉइंट्स...
1. सेंट्रल आर्ल्ड पुलिस फोर्सेस में से 901 पुलिसकर्मियों का चयन पुरस्कारों के लिए किया गया है। 140 वीरता पुरस्कार दिए जाएंगे। इनमें सबसे ज्यादा 80 पुरस्कार नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात पुलिसकर्मियों को मिलेंगे। जम्मू-कश्मीर में तैनात ऐसे पुलिसकर्मी 45 हैं।

2. इस साल 11 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिला है। ये परेड में शामिल होंगे। 6 लड़कों और 5 लड़कियों को ये पुरस्कार दिया गया है।

3. परेड में 3 परमवीर चक्र विजेता और 3 अशोक चक्र विजेता भी शामिल होंगे।

अब तक 21 तोपों की सलामी ब्रिटेन में बनी 25 पाउंडर तोपों से दी जाती थी, जो दूसरे विश्वयुद्ध में भी इस्तेमाल की गई थीं।



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Kiara Advani And Sidhart Malhotra Wedding

Latest India News Today

Sidharth and Kiara



Sidharth and Kiara are going to get married on February 6. Their pre-wedding functions will happen on February 4 and 5, where their guests and families will celebrate the customary, mehendi, haldi and sangeet ceremonies.




It’s not the only holiday season or New Year’s Eve that is keeping us excited. Finally, our dream couple Sidharth Malhotra and Kiara Advani are going to tie the knot soon, and we can’t keep calm! Well, even though there hasn’t been confirmed news yet, the whispers along the Tinseltown have been saying something else. We finally got a date and a place where Bollywood’s one of the most admired couples might take the saat pheras, and we are already imagining them in shaadi ka joda!

Ever since Shershaah released, we have been hooked to Sid and Kiara’s love life. Every now and then they would make it to the headlines for either their social media banter or their public appearances. They kind of admitted their relationship on Karan Johar’s Koffee With Karan and gave a green signal to all the rumours to turn out to be true.

Just like Vicky Kaushal and Katrina Kaif, Sidharth Malhotra and Kiara Advani will also have a hightendsecurity at their wedding. The source revealed, “The wedding is slated to take place at Jaisalmer Palace Hotel. It is going to be a lavish event with high security.”




Well, the Jaisalmer Palace is everything royal, and we can’t wait to see them as husband and wife. We can literally already imagine how good they would look together. With all the regal decor and the heritageous location, Sidharth Malhotra and Kiara Advani’s wedding will be sight to behold. Reports have also been rife that security persons and bodyguards will be dispatched to Jaisalmer on February 3.


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About Rajasthan History

Rajasthan History in Hindi




1.राजस्थान दिवस कब मनाया जाता हैं ?

चौथा चरण 30 मार्च 1949 बीकानेर रियासत ने सर्वप्रथम भारत में विलय किया । 
30 मार्च को राजस्थान स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। 

2.राजस्थान को किस नाम से जाना जाता है?

राजस्थान  ' राजाओं की भूमि ' या 'राज्य की भूमि ' क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा राज्य है।

3.राजस्थान का जनक कौन है?

=कर्नल जेम्स टॉड को राजस्थान के इतिहास का जनक कहा जाता है। यहां तक कहा जाता है कि सर्व प्रथम उन्होंने अपनी रचना में राजस्थान शब्द का प्रयोग किया। लेकिन 1794 में जयपुर के महाराज प्रताप सिंह के कहने पर लेखक कालीराम कायस्थ ने फारसी में तारीखे राजस्थान ग्रंथ लिखा।

Rajasthan history hindi

4. राजस्थान के राजा कौन - कौन थे?

=राजपूताना शासन के दौरान यहां काफी विकास हुआ. राजस्थान बाप्पा रावल, राणा कुंभा, राणा सांगा और राणा प्रताप जैसे प्रतापी राजाओं की भूमि रही है. राजस्थान का इतिहास तकरीबन 5 हजार साल पुराना हैं।

5.राजस्थान में कितने जिले हैं 2022?

=राजस्थान के 7 मंडलों में 33जिले हैं।

6.राजस्थान राज्य की राजधानी का क्या नाम है?

=राजस्थान की राजधानी जयपुर है। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है।

7.राजस्थान की पहली राजधानी कौन सी है?

=25 मार्च 1948 को हुए इस कार्यक्रम में कोटा को संयुक्त राजस्थान की राजधानी मानते हुए भीलवाड़ा के गोकुल लाल असावा को प्रधानमंत्री तथा महाराव उम्मेदसिंह (द्वितीय) को राजप्रमुख बनाया गया। हालांकि बाद में उदयपुर व फिर 30 मार्च 1949 में जयपुर को प्रदेश की राजधानी घोषित किया गया।

8.राजस्थान की संपूर्ण जानकरी ? 

=राजस्थान राज्य भारत के उत्तर-पश्चिम में स्थित सबसे खूबसूरत राज्यों में गिना जाता है। राजस्थान स्टेट लगभग 342,239 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ हैं और भारत का सबसे बड़ा राज्य है। राजस्थान की भूमि राजा- महाराजाओं की भूमि होने के साथ-साथ बहुत ही लोकप्रिय और ऐतिहासिक स्थान माना जाता हैं।

9.राजस्थान सबसे अच्छा राज्य क्यों है?

=राजस्थान के सांस्कृतिक और स्थापत्य परिदृश्य को अतीत में शासन करने वाले कई साम्राज्यों के शासन द्वारा आकार दिया गया है। यह मुगलों और राजपूतों के इतिहास के बारे में अधिक जानने के लिए सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों में से एक है। राज्य में महलों, किलों और अन्य ऐतिहासिक स्मारकों की अधिकता है।

10.राजस्थान के राज्य कवि कौन है?

=परिचय राजस्थान के महान कवि सूर्यमल्ल मिश्रण का जन्म बूँदी जि के हरणा गाँव में 19 अक्टोबर 1815 तदनुसार कार्तिक कृष्ण प्रथम वि. स. १८७२ को हुआ था।

11.राजस्थान की खोज किसने की?

=13वीं शताब्दी ईस्वी की शुरुआत में राजस्थान का सबसे प्रमुख और शक्तिशाली राज्य मेवाड़ था। मुगल सम्राट - अकबर के प्रभुत्व तक राजस्थान कभी भी राजनीतिक रूप से एकजुट नहीं हुआ था। अकबर ने राजस्थान का एकीकृत प्रांत बनाया।

12.राजस्थान का पुराना नाम क्या है?

=आजादी से पहले राजस्थान को राजपूताना के नाम से जाना जाता है. जार्ज थॉमस ने साल 1800 ईसा में 'राजपूताना' नाम दिया था. कर्नल जेम्स टॉड ने 1829 ईसा में अपनी पुस्तक 'द एनाल्स एंड एक्टीविटीज ऑफ राजस्थान' में किया. कर्नल जेम्स टॉड ने राजस्थान को दी सेन्ट्रल वेस्टर्न राजपूत स्टेट्स ऑफ इंडिया कहा हैं। 

13.राजस्थान का दूसरा नाम क्या है?

=कर्नल जेम्स टॉड ने इस प्रदेश का नाम 'रायथान' रखा क्योंकि स्थानीय साहित्य एवं बोलचाल में राजाओं के निवास के प्रान्त को 'रायथान' कहते थे।

14.राजस्थान में कुल कितने वंश हैं?

=आठवीं-बारहवीं शताब्दी ईस्वी के दौरान, राजपूत वंश ने वर्चस्व प्राप्त किया और उन्हें 36 शाही कुलों और 21 राजवंशों में विभाजित किया गया। कई राजपूत राजा राजस्थान में इस्लामिक शासन के खिलाफ थे, हालांकि उनमें से कुछ ने उनके साथ द्विपक्षीय बातचीत शुरू कर दी थी।

15.राजस्थान में सबसे शक्तिशाली राजा कौन था?

=महाराणा प्रताप सिंह राजस्थान के सबसे शक्तिशाली राज्य मेवाड़ के राजा थे।

16.राजस्थान की परंपरा क्या है?

=राजस्थान की संस्कृति विभिन्न समुदायों और शासकों का योगदान है। आज भी जब कभी राजस्थान का नाम लिया जाए तो हमारी आखों के आगे थार रेगिस्तान, ऊंट की सवारी, घूमर और कालबेलिया नृत्य और रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधान आते हैं। अपने सभ्य स्वभाव और शालीन मेहमाननवाज़ी के लिए जाना जाता है ये राज्य ।

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